मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर पेंशन पोर्टल पर वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन की आयु सीमा कम की गई

सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन के मामले में बुजुर्गों को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में समाज कल्याण विभाग के पेंशन पोर्टल पर अब 59 वर्ष छह माह की आयु पूर्ण करने पर वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन प्राप्त किए जा सकेंगे।इसके बाद 60 वर्ष की आयु पूरी करते ही संबंधित व्यक्ति की पेंशन प्रारंभ हो जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में सितंबर-अक्टूबर में 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले 61 व्यक्तियों को आनलाइन माध्यम से पेंशन की राशि हस्तांतरित की।
वृद्धावस्था पेंशन 1200 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर कर दी थी 1500
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत करने की व्यवस्था का सरलीकरण किए जाने से वृद्धजनों को समय से पेंशन का लाभ मिलेगा। सरकार ने पूर्व में वृद्धावस्था पेंशन 1200 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी थी।अब वृद्ध पति-पत्नी दोनों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना सरकार का उद्देश्य है, जिसके लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सभी वृद्धजन उनके अभिभावक के समान हैं, जिनकी सेवा में वह तत्पर रहेंगे। उन्होंने कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ की भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। उनकी इस परिकल्पना को साकार करने की दिशा में राज्य निरंतर आगे बढ़ रहा है। इस क्रम में उन्होंने राज्य के खाते में आई कई उपलब्धियों का उल्लेख किया।
सचिव समाज कल्याण नीरज खैरवाल ने बताया कि सितंबर व अक्टूबर में सभी जिलों में 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले व्यक्तियों के चिह्नीकरण को अभियान चलाया गया। इसमें 12 हजार व्यक्ति चिह्नित किए गए। ऐसे व्यक्तियों के आंकड़े जुटाए गए जो एक अक्टूबर को 60 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं और वृद्धावस्था पेंशन के पात्र हैं। साथ ही उन व्यक्तियों का आंकड़ा भी जुटाया गया, जो 59 वर्ष और छह माह की आयु पूरी कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सभी वृद्धजन उनके अभिभावक के समान हैं, जिनकी सेवा में वह तत्पर रहेंगे। उन्होंने कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ की भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। उनकी इस परिकल्पना को साकार करने की दिशा में राज्य निरंतर आगे बढ़ रहा है। इस क्रम में उन्होंने राज्य के खाते में आई कई उपलब्धियों का उल्लेख किया।
सचिव समाज कल्याण नीरज खैरवाल ने बताया कि सितंबर व अक्टूबर में सभी जिलों में 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले व्यक्तियों के चिह्नीकरण को अभियान चलाया गया। इसमें 12 हजार व्यक्ति चिह्नित किए गए। ऐसे व्यक्तियों के आंकड़े जुटाए गए जो एक अक्टूबर को 60 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं और वृद्धावस्था पेंशन के पात्र हैं। साथ ही उन व्यक्तियों का आंकड़ा भी जुटाया गया, जो 59 वर्ष और छह माह की आयु पूरी कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सभी वृद्धजन उनके अभिभावक के समान हैं, जिनकी सेवा में वह तत्पर रहेंगे। उन्होंने कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ की भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। उनकी इस परिकल्पना को साकार करने की दिशा में राज्य निरंतर आगे बढ़ रहा है। इस क्रम में उन्होंने राज्य के खाते में आई कई उपलब्धियों का उल्लेख किया।
सचिव समाज कल्याण नीरज खैरवाल ने बताया कि सितंबर व अक्टूबर में सभी जिलों में 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले व्यक्तियों के चिह्नीकरण को अभियान चलाया गया। इसमें 12 हजार व्यक्ति चिह्नित किए गए। ऐसे व्यक्तियों के आंकड़े जुटाए गए जो एक अक्टूबर को 60 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं और वृद्धावस्था पेंशन के पात्र हैं। साथ ही उन व्यक्तियों का आंकड़ा भी जुटाया गया, जो 59 वर्ष और छह माह की आयु पूरी कर चुके हैं।
ये है योजना के लिए पात्रता
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि इस योजना की पात्रता के लिए राज्य कर विभाग में पंजीकृत व्यापारी पिछले अधिकतम पांच वर्षों में कर जमा करने व विवरणियों में दाखिल करने में नियमित रहा हो। साथ में व्यापारी के विरुद्ध पिछले अधिकतम पांच वर्षों में कोई प्रतिकूल कार्रवाई न की गई हो। व्यापारी पर किसी प्रकार की राजस्व की कोई देयता शेष नहीं होनी चाहिए।

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