हरिद्वार में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी के अवसर पर भक्तों का संघटन

आज गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी के पावन स्नान पर्व पर गंगा स्नान के लिए हरिद्वार में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों श्रद्धालु तड़के से ही हरकी पैड़ी पर जुटने लगे और गंगा स्नान दान कर पुण्य कमाया। वहीं हरकी पैड़ी पर इतनी भीड़ उमड़ी कि पैर रखने तक की जगह नहीं है। तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने भी कनखल में गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान किया। उधर, आज वीकेंड के साथ ही स्नान पर्व एक साथ होने से पुलिस के लिए भी चुनौती है। वीकेंड पर ही भारी भीड़ उमड़ने से जाम लग रहा है। अब ऐसे में स्नान पर्व पड़ने से अत्यधिक भीड़ आने की संभावना है। इसलिए यातायात व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती है।

हरिद्वार में मेला क्षेत्र को तीन सुपर जोन, 10 जोन और 26 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। साथ ही पूरे मेला क्षेत्र में पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है।  पुरोहितों का मानना है कि गंगा दशहरा का पर्व तब से शुरू हुआ जब से मां गंगा धरती पर अवतरित होकर हरिद्वार में आईं। इसी दिन गंगा पुत्र भीष्म का भी जन्मदिन होता है। मान्यता है कि इस दिन हरिद्वार हरकी पैड़ी में स्नान करने से 10 प्रकार के पापों का शमन होता है।

भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी कनखल हरिद्वार के प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि देवभूमि शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक दृष्टि से मोक्षदायिनी धरती है। गंगा दशहरा का महात्म्य 10 योग से भी जुड़ा है। इसी योगिनियों में मां गंगा का अवतरण हरिद्वार में हुआ। इन योग की गणना ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, दिन बुधवार, हस्त नक्षत्र, कन्या राशि में चंद्रमा, वृष राशि में सूर्य, तातिल करण आदि से जोड़ा जाता है। इस 10 योग में इस बार गंगा दशहरा पर छह योग बन रहे हैं।

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