ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में शिवपुरी और गूलर के बीच छह किमी लंबी मुख्य रेल सुरंग भी सफलतापूर्वक आर-पार
Rishikesh Karnprayag Rail Project ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी लंबी ब्राडगेज रेल लाइन में 104 किमी भाग विभिन्न 17 सुरंग के भीतर से होकर गुजरना है। सभी तरह की सुरंगों की कुल लंबाई 213.4 किमी है। बहुप्रतिक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में शुक्रवार को एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। रेल विकास निगम के अधिकारियों ने टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
बहुप्रतिक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में शुक्रवार को एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। परियोजना के पैकेज-2 में शिवपुरी और गूलर के बीच छह किमी लंबी मुख्य रेल सुरंग भी सफलतापूर्वक आर-पार हो गई है। इसके सामांतर बनी निकास सुरंग सितंबर 2023 में आर-पार हो गई थी।
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी लंबी ब्राडगेज रेल लाइन में 104 किमी भाग विभिन्न 17 सुरंग के भीतर से होकर गुजरना है। सभी तरह की सुरंगों की कुल लंबाई 213.4 किमी है। अब तक परियोजना के कुल 213.4 किमी में से 169.496 किमी (79.42 प्रतिशत) सुरंगों की खोदाई का काम पूरा हो चुका है। रेल विकास निगम के अधिकारियों ने देश की प्रतिष्ठित निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) की टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
पैकेज-2 में बड़ी उपलब्धि
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम इन दिनों तेजी से चल रहा है। रेल विकास निगम के लिए काम कर रही देश की प्रतिष्ठित कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने अपने पैकेज-2 में शुक्रवार को बड़ी उपलब्धि अपने नाम की। कंपनी ने परियोजना की मुख्य सुरंग-2 को सफलतापूर्वक आर-पार (ब्रेकथ्रो) कर दिया है।
कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश चोपड़ा ने बताया कि पैकेज-2 में एलएंडटी के पास एडिट-2 (56 मीटर), मेन टनल-2 में डबल लाइन 7-स्टेज (80 मीटर), मुख्य सुरंग (6002 मीटर) और निकास सुरंग (6066 मीटर) की टनलिंग का कार्य है। एटिड सुरंग अक्टूबर-2020 में, डबल लाइन-7 स्टेज अक्टूबर 2021 में और निकास सुरंग का काम 12 सितंबर 2023 में पूरा कर दिया गया था।
कठिन हिमालयी भूगर्भीय परिस्थितियों में 46 महीने के रिकॉर्ड समय में सुरंग-2 की खोदाई का काम भी पूरा किया गया है। इसके साथ ही अब मुख्य सुरंग और निकास सुरंग दोनों में टनेलिंग का काम पूरा हो चुका है। इस अवसर पर कंपनी के आपरेशन हेड प्रभु कुमार, संजीव त्यागी, परमजीत और आलोक आदि भी मौजूद रहे।