संभल में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल, सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम
संभल में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल है। सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। मुरादाबाद मंडलायुक्त अंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि फिलहाल स्थिति शांत है। उन्होंने बताया कि हिंसा के मामले में जांच जारी है और कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। मंडलायुक्त ने कहा, “सपा सांसद जिआउर्रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे पर भीड़ को उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। हिंसा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि घायलों का इलाज चल रहा है। उन्होंने सख्त कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो दोषियों पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) भी लगाया जाएगा। प्रशासन ने हालात को नियंत्रण में रखने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
संभल में पत्थरबाजी की घटना के बाद पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि हिंसा के मामले में कुल सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसमें लगभग 2500 लोगों को आरोपी बनाया गया है।सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। और जांच के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने यह भी बताया कि समाजवादी पार्टी के सांसद जिआउर्रहमान बर्क के खिलाफ भी हिंसा भड़काने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि घटना के दौरान उनका क्या भूमिका रही।
हिंसा के बाद सोमवार सुबह डीआईजी मुरादाबाद रेंज मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है और प्रवेश मार्गों पर भारी पुलिस बल तैनात है। शहर में सन्नाटा पसरा हुआ है, और सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। हिंसा के बाद संभल में इंटरनेट सेवाएं अगले चौबीस घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं।
यूपी के संभल जिले में हिंसा मामले में दो थानों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे समेत 1500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है।
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने संभल हिंसा को बड़ा मुद्दा बताया। उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर घटना है, लोगों की जान जा चुकी है। इस मुद्दे को संसद में उठाया जाना चाहिए। हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। मैं इसका समर्थन नहीं करता। मामले की जांच होनी चाहिए। यह पुलिस, प्रशासन और सरकार की विफलता है।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने संभल की घटना को लेकर कहा, “कोर्ट के आदेश पर वहां सर्वे किया जा रहा था। जो घटना हुई, वह बहुत दुखद है। मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
यह था मामला
संभल शहर की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल वाद के आधार पर सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची तो संभल में बवाल हो गया। रविवार सुबह अचानक टीम के आने पर जुटी भीड़ मस्जिद में दाखिल होने कोशिश करने लगी। रोकने पर पुलिस पर पथराव कर दिया। हिंसक हुई भीड़ ने सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी। इसी बीच फायरिंग भी शुरू हो गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। बवाल में घिरकर पांच लोगों की मौत हो गई। कई अधिकारियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं। तनाव को देखते हुए संभल में इंटरनेट सेवा और स्कूल बंद कर दिए गए थे।