“फ्रिडमैन ने मोदी टीम को सराहा: ‘दयालु और अपने काम में उत्कृष्ट'”

कंप्यूटर वैज्ञानिक और पॉडकास्ट होस्ट लेक्स फ्रिडमैन ने हाल ही में भारत में बिताए अपने कुछ हफ्तों को ‘जादुई अनुभव’ बताया। उन्होंने अपने पॉडकास्ट के एक एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के अनुभवों पर विस्तार से चर्चा की। इस पॉडकास्ट एपिसोड में पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल (एआई), क्रिकेट, फुटबॉल, चीन, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पाकिस्तानी और अपने शुरुआती जीवन से जुड़े कई मुद्दों पर बात की।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत के दौरान उनके आस-पास करने वाली टीम की भी सराहना की। फ्रिडमैन ने कहा, पीएम मोदी के साथ काम करने वाली टीम बहुत दयालु, कुशल और अपने काम में उत्कृष्ट थी। उन्होंने खासतौर पर पीएण मोदी के अनुवाद की तारीफ की, जो उनके और पीएम मोदी के बीच संवाद को अनुवादित कर रही थीं। उन्होंने कहा, टीएम के सभी सदस्य बहुत अच्छे थे। वे अपने काम में कुशल और समझदार थे। जिस अनुवादक ने हमारे बीच संवाद का अनुवाद किया, वह अद्भुत थीं। उनका काम बेहतरीन था और उनके काम करने तरीका बिल्कुल शानदार था।

फ्रिडमैन ने भारती संस्कृति और विविधता की भी सराहना की और कहा कि दिल्ली भारत का केवल एक हिस्सा है और भारत का अनुभव कहीं अधिक व्यापक और विविधतापूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने आने वाले समय में अपने दोस्त पॉल रोसली के साथ भारत के अन्य हिस्सों की यात्रा करने का मन बनाया है। उन्होंने आगे कहा, मेरी दिल्ली और भारत में यात्रा ने मुझे ऐसा अहसास दिलाया जैसे मैं एक और ग्रह पर हूं। यह सांस्कृतिक रूप से बिल्कुल अलग था। भारत में लोगों के साथ बातचीत एक जीवंत मिश्रण था। यहां के लोग और उनका व्यवहार मुझे बिल्कुल अलग लगा। भारत का प्रत्येक हिस्सा अलग है और दिल्ली तो सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है, जैसे न्यूयॉर्क या टेक्सस भी पूरे अमेरिका का प्रतिनिधित्व नहीं करते।

फ्रिडमैन ने यह भी साझा कि भारत में समय बिताने के दौरान उन्होंने रिक्शा में सवारी की और सड़कों पर घूमते हुए लोगों से बात की। उन्होंने कहा कि भारतीय लोग बहुत दयालु होते हैं। उन्होंने कहा, मेरी यात्रा के दौरान मैं लोगों के जीवन के बारे में जानने के लिए सड़कों पर घूमता रहा और रिक्शा में यात्रा में यात्रा करता रहा। भारत के लोग बहुत ही दयालु और सच्चे इंसान हैं। अगर उनसे दिल से बात करते हैं, तो वे तुरंत आपको समझ जाते हैं, भले ही वे अंग्रेजी न बोलते हों। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में कई लोग व्यापारिक उद्देश्यों के लिए उनसे संपर्क करते थे, लेकिन उन्होंने हमेशा सतही बातचीत से बचते हुए वास्तविक और गहरे संवादों को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा, जैसे-जैसे मैं भारतर में घूमता था, कुछ लोग मुझे एक विदेशी पर्यटक समझते थे और शुरुआत में वे मुझे कुछ बेचना चाहते थे। लेकिन मैंने उन सतही बातचीत से बचते हुए उनके जीवन के बारे में गहरे सवाल किए। मैंने उनसे पूछा कि वे क्या संवाद करते हैं, क्या डर है और उनकी जिंदी में कौन सी मुश्किलें और सफलताएं आई हैं। यह एक अद्भुत अनुभव था।

पॉटकास्ट होस्ट फ्रिडमैन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ इंटरव्यू से पहले 45 घंटों तक उपवास रखने का भी खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वह सिर्फ पानी पी रहे थे और कोई खाना नहीं खा रहे थे, ताकि वह सही मानसिकता के साथ आ सकें और एक आध्यात्मिक स्तर पर इस बातचीत में हिस्सा ले सकें। उन्होंने यह भी बताया कि वह जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी कई बार उपवास रखते हैं, इसलिए वह उनसे उपवास के बारे में अनुभव पूछना चाहते थे।  प्रधानमंत्री मोदी ने उपवास के विषय पर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह सिर्फ भोजन छोड़ने का तरीका नहीं है, बल्कि यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा और मानवता को ऊंचा करने के लिए होती है। उन्होंने कहा कि उपवास भारतीय परंपरा का हिस्सा है, जो हमारे जीवन के तरीके को सिखाता है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह एक ऐसा तरीका है, जो अनुशासन को बढ़ाता है और मन की स्पष्टता को तेज करता है।

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