भूस्खलन और बाढ़ में जुटे पीआरडी जवानों के मानदेय में वृद्धि, वित्त विभाग ने दी स्वीकृति, शासनादेश आने वाला है

भूस्खलन, वनाग्नि, बाढ़ और दुर्घटनाओं में बचाव कार्यों के दौरान दिन रात डटे रहने वाले प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवानों के मानदेय में 50 रुपये प्रतिदिन की वृद्धि के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने सहमति दे दी है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, अगले सप्ताह शासनादेश भी जारी हो जाएगा।

आपदा प्रभावित राज्य में पीआरडी जवानों की बढ़ती भूमिका को देखते हुए पीआरडी जवानों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ अन्य घोषणाओं पर भी कार्यवाही जारी है। इनमें विकासखंड स्तर पर तैनात ब्लाक कमांडर और न्याय पंचायत स्तर पर तैनात हलका सरदार का मासिक मानदेय बढ़ाना भी शामिल है, जिस पर वित्त विभाग की सहमति का इंतजार है।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस पर भी जल्द वित्त विभाग की सहमति जारी हो सकती है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने दिसंबर 2023 में पीआरडी जवानों के कल्याण से संबंधित विभिन्न घोषणाएं की थीं, जिन पर विभागीय कार्यवाही अंतिम चरण में है। सरकार का मकसद जवानों को प्रोत्साहित करना है।

इसी प्रोत्साहन का परिणाम है कि राज्य गठन के समय तक पीआरडी के सिर्फ 200 जवानों को ड्यूटी मिलती थी, लेकिन आज पीआरडी के पास नौ हजार चार सौ जवान पंजीकृत हैं और उनमें आठ हजार जवानों को ड्यूटी मिल रही है। यह जवान विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे हैं।

ड्यूटी पर तैनात आठ हजार जवानों में ऐसे तमाम जवान हैं, जो एक समय में रोजगार की तलाश में उत्तराखंड से पलायन कर चुके थे, लेकिन पीआरडी में मानदेय वृद्धि और ड्यूटी बढ़ने की वजह से वापस लौट आए। डेढ़ माह पहले पीआरडी जवानों के दैनिक मानदेय को 570 रुपये से बढ़ाकर 650 रुपये किया जा चुका है। पीआरडी जवानों के लिए रिटायरमेंट, कल्याण कोष में वृद्धि, आपातकालीन ड्यूटी में हादसा होने पर सहायता राशि आदि में वृद्धि की गई है।

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