चीरबासा में मार्ग वाशआउट: एनडीआरफ और लोक निर्माण विभाग की तत्परता से हल हुआ संकट

गौरीकुंडकेदारनाथ पैदल मार्ग चीरबासा में 15 मीटर मार्ग वाशआउट होने से पैदल मार्ग पर आवाजाही बंद हो गई। ऐसे में पैदल यात्री यहां फंसे रहे। एनडीआरफ, एसडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग ने वैकल्पिक रास्ता तैयार कर पैदल मार्ग पर आवाजाही शुरू कराई, हालांकि घोड़ाखच्चरों का संचालन अभी बंद है।

गौरीकुंडकेदारनाथ पैदल मार्ग चीरबासा में सुबह दो घंटे तक पैदल मार्ग पर आवाजाही बंद रही। पुलिस ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। लगभग डेढ़ महीने पूर्व अतिवृष्टि से गौरीकुंडकेदारनाथ पैदल मार्ग प्रभावित हुआ था।

लोक निर्माण विभाग से 400 मजदूर रास्ते को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। संवेदनशील स्थानों पर रास्ते को पर्याप्त चौड़ा करने के साथ ही सुरक्षा के इंतजाम भी किए जा रहे हैं। 16 किलोमीटर लंबा गौरीकुंडकेदारनाथ पैदल मार्ग 31 जुलाई को अतिवृष्टि से व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। मार्ग 29 स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। इसमें 16 स्थानों पर पूरी तरह से वॉशआउट हो गया है। जगहजगह बरसाती नाले बह रहे थे, जिससे रास्ते को पार करना मुश्किल हो गया था।

एक अगस्त से ही लोक निर्माण विभाग के 60 मजदूरों ने पैदल मार्ग का सुधारीकरण कार्य शुरू कर दिया था। आए दिन बारिश सहित अन्य विषम परिस्थितियों के बावजूद 26 अगस्त को यात्रा के दोबारा शुरू होने तक पैदल मार्ग को घोड़ाखच्चरों के संचालन के साथ ही पैदल आवाजाही लायक बना दिया था। इन दिनों 400 मजदूर रास्ते को उसका मूल स्वरूप में लौटाने में जुटे हुए हैं। जंगलचट्टी, भीमबली, छोटी लिनचोली, थारू कैंप, कुवेर गदेरा, टीएफटी आदि स्थानों पर गेविन वाल सीसी पुश्ता तैयार कर रास्ते को पर्याप्त चार किलोमीटर चौड़ा किया जा रहा है। साथ ही बरताती नाले और एवलॉन्च जोन में पुलिया बनाई गई हैं। इससे आवाजाही में यात्रियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो। गौरीकुंडकेदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर 70 मीटर लंबा बैलीब्रिज प्रस्तावित है। अभी यहां पर हल्का लोहे का पुल बनाया गया है, इससे यात्रा का संचालन हो रहा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.