“दिल्ली में BS-3, BS-4 बसों पर से हटा प्रतिबंध, उत्तराखंड परिवहन निगम शुक्रवार से करेगा संचालन”

दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-4 की पॉलिसी लागू होने के बाद से बंद उत्तराखंड परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 बसों का संचालन शुक्रवार से फिर शुरू हो जाएगा। बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर दिल्ली सरकार ने बसों के संचालन पर लगाई गईं पाबंदियां हटा दी है।
14 नवंबर को दिल्ली सरकार ने ग्रैप-4 पॉलिसी लागू की थी। इसके बाद उत्तराखंड परिवहन निगम की 194 सामान्य और 27 वॉल्वाे बसों का संचालन ठप हो गया था। इससे दिल्ली जाने वाले यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। 22 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने रोडवेज बसों पर लगाई गईं पाबंदियां हटा दी हैं।
दिल्ली सरकार की ओर से बृहस्पतिवार को बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का पुन: संचालन शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। इससे शुक्रवार से परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की करीब 221 बसों का संचालन दिल्ली रूट पर शुरू कर दिया जाएगा।
22 दिनों तक झेलीं मुश्किलें
उत्तराखंड से दिल्ली के लिए परिवहन निगम की बसों का संचालन बंद होने से यात्रियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 22 दिनों में दिल्ली जाने वाले यात्रियों को घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ा। कई बार यात्रियों को दिल्ली के लिए बसें ही नहीं मिल पाईं। अब पाबंदियां हटने से यात्रियों को राहत मिलेगी।
दिल्ली जाने के लिए यात्रियों ने चुकायी तीन गुना कीमत
बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का संचालन बंद होने से यात्रियों के लिए दिल्ली का सफर काफी मुश्किल भरा रहा। इस दौरान दिल्ली के लिए देहरादून से बड़ी संख्या में निजी बसें और टैक्सी संचालित हो रही थीं। इसमें यात्रा करने के लिए यात्रियों को दो से तीन गुना तक अधिक किराया देना पड़ रहा था।
चालकों-परिचालकों को नहीं मिल रहा था काम
कई संविदा और विशेष श्रेणी चालक-परिचालकों को काम नहीं मिल पा रहा था। ऐसी स्थिति में उन्हें घर बैठना पड़ा। इससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान भी हुआ। अधिकारियों के मुताबिक संविदा और विशेष श्रेणी चालकों-परिचालकों को किमी के हिसाब से वेतन दिया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने ग्रैप-4 पॉलिसी के तहत बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों पर लगी पाबंदियां हटा दी हैं। शुक्रवार से परिवहन निगम की सभी बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है। – आनंद श्रीवास्तव, प्रबंध निदेशक, उत्तराखंड परिवहन निगम

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